पिथौरागढ़
में खास वंश का शासन रहा है, जिन्हें
यहां के किले या कोटों के निर्माण का श्रेय जाता
है।
पिथौरागढ़
के आसपास्द चार कोटें हैं जो भाटकोट, डूंगरकोट, उदयकोट तथा ऊंचाकोट
हैं। खास वंश के बाद यहां कचूडी वंश (पाल-मल्लासारी वंश) का शासन हुआ तथा इस वंश का राजा अशोक मल्ला, बलबन
का समकालीन था। इसी अवधि में राजा पिथौरा
द्वारा पिथौरागढ़ स्थापित किया गया । इस वंश के तीन राजाओं ने पिथौरागढ़
से ही शासन किया तथा निकट के गांव खङकोट में उनके द्वारा
निर्मित ईंटो के किले को वर्ष 1560 में पिथौरागढ़ के तत्कालीन जिलाधीश ने ध्वस्त कर दिया। वर्ष 1622 से आगे पिथौरागढ़
पर चंद वंश का आधिपत्य रहा।
वर्ष 1997 में
पिथौरागढ़ के कुछ भागों को काटकर एक नया जिला चंपावत बनाया गया तथा इसकी सीमा को
पुनर्निर्धारित कर दिया गया।
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