रुड़की उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक नगर और नगरपालिका
परिषद है। यह देश की सबसे पुरानी छावनियों में से एक है और1853 से
बंगाल अभियांत्रिकी समूह (बंगाल सैप्पर्स) का मुख्यालय है।
रूड़की
का नाम रुरी/ रूड़ी से पड़ा, जो
बड़गूजर राजपूत सरदार की पत्नी थी और पहले इसे 'रुरी की' भी लिखा जाता था। स्थानीय भाषी
ग्रामवासियों का मानना है की इसे इसका नाम "रोरोन की" अर्थात रोर का
निवास से मिला।
18वीं
सदीं में रूड़की सोलानी नदी के पश्चिमी तट पर बसा गांव था अंग्रेजों ने गुर्जरो की गंगा- यमुना के
दोआब में लगातार
बढ़ती जा रही ताकत को कमजोर करने व साथ ही रूहेलाओं ( नजीबाबाद क्षेत्र ) को अपने
नियंत्रण में लाने के उद्देश्य से रूड़की गांव में छावनी की स्थापना की जिसका उपयोग 1822 व 1857 में सहारनपुर (गुजरात) के गुर्जरों व रांघडों
द्वारा किये गए भयंकर विद्रोहो को कुचलने के लिए किया गया रूड़की नहर की खुदाई के लिए सर्वप्रथम 1851ई. में भाप के इंजन से चलने वाली देश की पहली
रेलगाड़ी रूड़की व पिरान कलियर के बीच टै्क(track) बिछाकर चलाई गई थी।
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