Friday 12 February 2016

देवप्रयाग

“अलकनंदा” और “भागीरथी” नदियों के संगम पर स्थित, इस शहर को संस्कृत में “पवित्र संगम” के नाम से संबोधित किया गया है। देवप्रयाग अपने कई प्राचीन मंदिर जैसे रघुनाथ मंदिर, चंद्रवदनी मंदिर और दशरथशिला मंदिर के लिए भी जाना जाता है। भारत के पंच प्रयागों में से एक देवप्रयाग पाँचवें स्थान पर है। पवित्र नदियों के संगम के किनारे बसे इस देवप्रयाग के अलावा विष्णु प्रयाग, रुद्र प्रयाग, नंद प्रयाग और कर्ण प्रयाग भारत के अन्य चार प्रयाग हैं। समुन्द तट से 2723 मीटर की ऊँचाई पर स्थित देवप्रयाग, उत्तराखण्ड के टिहरी गढवाल जिले का प्रमुख धार्मिक स्थान है। 7 वीं सदी में देवप्रयाग ब्रह्मपुरी, ब्रह्म तीर्थ और श्रीखण्ड नगर जैसे कई अलग अलग नामों से जाना जाता था।“उत्तराखण्ड के रत्न” के रूप में जाना जाता यह शहर प्रसिद्ध हिंदू संत देव शर्मा के नाम पर अंकित है।    

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