हरिद्वार
(या हरद्वार) का शाब्दिक अर्थ है, ‘भगवान्
तक पहुँचने का रास्ता’।
उत्तराखंड राज्य की पहाड़ियों के बीच स्थित, यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह पवित्र
शहर भारत के सात पवित्र शहरों अर्थात् ‘सप्त पुरी’ में से एक है। इसके अलावा
उत्तराखंड के अन्य तीन धार्मिक केंद्र ऋषिकेश, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ तक जाने का रास्ता भी इसी
स्थान से होकर जाता है।
हरिद्वार
शहर को मायापुरी, कपिला,
मोक्षद्वार एवं गंगाद्वार के नाम से भी जाना जाता है। इस
शहर का उल्लेख कई प्राचीन हिंदू महाकाव्यों में मिलता है। इस शहर का इतिहास राजा विक्रमादित्य
के समय से मौजूद है। यह स्थल अपने विश्व प्रसिद्ध धार्मिक केन्द्रों एवं
पर्यटक आकर्षणों के लिए जाना जाता है। यहाँ स्थित अधिकतर धार्मिक स्थल
पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित हैं।
यहाँ
का सबसे महत्वपूर्ण एवं पवित्र स्थल हर-की-पौड़ी है, जिसे ब्रम्हकुंड के नाम से भी जाना जाता
है। यह वह स्थान है जहाँ गंगा नदी पहाड़ों को छोड़कर मैदानों में
प्रवेश करती है। प्रत्येक 12 वर्ष
के पश्चात् यहाँ ‘कुंभ
मेला’ आयोजित किया जाता है।
यहाँ
के कई अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में माया देवी, मनसा देवी एवं चंडी देवी के मंदिर सम्मिलित हैं। ऐसा
माना जाता है कि माया देवी का मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां देवी की नाभि एवं ह्रदय
गिरा। इन
तीन मंदिरों की गणना भारत में मौजूद 52 शक्तीपीठों में की जाती है। शक्तिपीठ पूजा के वे स्थल हैं जो
हिंदू देवी सती
या शक्ति को समर्पित हैं।
No comments:
Post a Comment