चम्पावत कावि का घर ओर भारतीय
राज्य उत्तरांचल का एक जिला है।
इसका मुख्यालय चंपावत में
है। उत्तराखंड का
ऐतिहासिक चंपावत जिला अपने आकर्षक मंदिरों और खूबसूरत वास्तुशिल्प के लिए
दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पहाड़ों और मैदानों के बीच से होकर बहती नदियां
अद्भुत छटा बिखेरती हैं। चंपावत में पर्यटकों को वह सब कुछ मिलता है जो वह
एक पर्वतीय स्थान से चाहते हैं। वन्यजीवों से लेकर हरे-भरे मैदानों तक और
ट्रैकिंग की सुविधा, सभी
कुछ यहां पर है।
समुद्र तल से 1615 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चंपावत कई सालों तक कुंमाऊं
के शासकों की राजधानी रहा है। चांद शासकों के किले के अवशेष आज भी चंपावत
में देखे जा सकते हैं।
बालेश्रवर मंदिर
शानि देवता मंदिर यह मंदिर चंपावत जिले के मौराड़ी गॉव मेँ स्थित है,
नागनाथ मंदिर
मीठा-रीठा साहिब यह सिक्खों के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक है। यह स्थान चम्पावत से 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि सिक्खों के प्रथम गुरू, गुरू नानक जी यहां पर आए थे।
पूर्णनागिरी मंदिर यह पवित्र मंदिर पूर्णनागिरी पर्वत पर स्थित
है।
श्यामलातल इसके साथ ही यह स्थान स्वामी विवेकानन्द आश्रम के लिए भी प्रसिद्ध है जो कि खूबसूरत श्यामातल झील के तट पर स्थित है।
पंचेश्रवर यह स्थान नेपाल सीमा के समीप स्थित है। इस जगह
पर काली और सरयू नदियां आपस में मिलती है। पंचेश्रवर भगवान शिव के मंदिर के लिए
अत्यंत प्रसिद्ध है।
देवीधुरा यह खूबसूरत जगह वराही मंदिर
के नाम से जानी जाती है। यहां बगवाल के अवसर पर दो समूह आपस में एक दूसरे पर पत्थर
फेकते हैं। यह अनोखी परम्परा रक्षा बन्धन के अवसर की जाती है।
लोहाघाट यह स्थान लोहावती नदी के तट पर स्थित है।
अब्बोट माउंट अब्बोट माउंट बहुत ही खूबसूरत जगह है। इस स्थान पर ब्रिटिश
काल के कई बंगले मौजूद है।]
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