नीति घाटी कभी तिब्बती व्यापारिक पथ का
व्यस्त स्थल था और यहां के वासी भोटिया, मरचा एवं तोलचा आदि उन्नतशील व्यापारी
थे। इस घाटी से कैलास मानसरोवर
के प्रवेश का एक अन्य वैकल्पिक रास्ता निकलता था, जो
कुछ लोगों के अनुसार
सर्वाधिक सहज था। नीति घाटी
विश्वप्रसिद्ध पर्वतीय नंदादेवी पक्षी-विहार का प्रवेश द्वार भी
है। आज यह यूनेस्को का
विश्व-विरासत स्थल है यहां के एक गांव लाटा में नंदा देवी को समर्पित एक पुराना
मंदिर भी है। भारत के इस भाग के अंतिम गांव नीति में पहुंच की एक सड़क है।
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