Thursday 11 February 2016

केशोराय मठ


अलकनंदा के किनारे अवस्थित श्रीनगर में यह सबसे बड़ा मंदिर हैं। वर्ष 1682 में केशोराय द्वारा निर्मित यह मंदिर वर्ष 1864 की बाढ़ में डूबकर भी खड़ा रहा। कहा जाता है कि बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा का निश्चय करते समय केशोराय बूढ़ा हो गया था। जब वह इस खास स्थल पर विश्राम कर रहा था तो नारायण ने सपने में उसे वह जगह खोदने को कहा जहां वह लेटा था। उसने जब इसे खोदा तो उसे नारायण की एक मूर्त्ति मिली और उसने इसके इर्द-गिर्द मंदिर की स्थापना कर दी।

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