गढ़वाल
का प्रारंभिक इतिहास कत्यूरी राजाओं का है, जिन्होंने जोशीमठ से शासन किया और वहां से
11वीं सदी में अल्मोड़ा
चले गये। गढ़वाल से उनके हटने से कई छोटे गढ़पतियों का उदय हुआ,
जिनमें पंवार वंश सबसे अधिक शक्तिशाली था जिसने चांदपुर
गढ़ी (किला) से शासन किया। कनक पाल को इस वंश का संस्थापक माना जाता है। उसने चांदपुर भानु प्रताप
की पुत्री से विवाह किया और स्वयं यहां का गढ़पती बन गया। इस विषय पर
इतिहासकारों के बीच विवाद है कि वह कब और कहां से गढ़वाल आया।
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